Palamau

शुरू होने वाली है बाघों की गिनती, 2027 में आएगा नया आंकड़ा

#पलामू – टाइगर रिजर्व में तैयारियां शुरू, लगाए जाएंगे 500 से ज्यादा ट्रैकिंग कैमरे:

  • देशभर में शुरू होने जा रही है बाघों की गिनती, 2027 में आएगा रिपोर्ट।
  • झारखंड के पलामू, गढ़वा और लातेहार के जंगल बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्र।
  • टाइगर रिजर्व में मई-जून से शुरू होगी गिनती, ट्रेनिंग का पहला चरण जारी।
  • 500 से अधिक ट्रैकिंग कैमरे और स्कैट जांच से जुटाए जाएंगे सटीक आंकड़े।
  • पिछले डेढ़ साल में पलामू टाइगर रिजर्व में छह बाघों की मौजूदगी दर्ज।

देशभर में शुरू होने जा रही बाघों की गिनती

भारत में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NTCA) की देखरेख में बाघों की गिनती शुरू होने जा रही है
झारखंड के पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले बाघों के संरक्षित क्षेत्र में आते हैं, जहां पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) स्थित है।
यह सर्वे हर चार साल में किया जाता है, और 2027 में इंटरनेशनल टाइगर डे (29 जुलाई) पर रिपोर्ट जारी होगी

दो साल तक चलेगा सर्वे, शुरू हुआ प्रशिक्षण

बाघों की गणना का कार्य करीब दो साल तक चलेगा
पहले चरण में मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और इसके बाद टाइगर रिजर्व में तैनात वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मई-जून से मौके पर बाघों की वास्तविक गिनती शुरू होगी

“यह एक जटिल प्रक्रिया है जो दो वर्षों तक चलेगी। दिल्ली में टाइगर रिजर्व के निदेशकों और उपनिदेशकों की बैठक हो चुकी है।” – प्रजेशकांत जेना, उप निदेशक, पलामू टाइगर रिजर्व

500 से अधिक कैमरों से होगी बाघों की ट्रैकिंग

गिनती के दौरान पलामू टाइगर रिजर्व में 500 से अधिक ट्रैकिंग कैमरे लगाए जाएंगे
1129 वर्ग किलोमीटर में फैले इस रिजर्व में कैमरों की स्थिति समय-समय पर बदली जाएगी
साथ ही, बाघों के पैरों के निशान (स्कैट) और उनके विचरण से जुड़े अन्य डेटा भी रिकॉर्ड किए जाएंगे
सभी डेटा को भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) भेजा जाएगा

1973 में शुरू हुई थी बाघों की गिनती

भारत में 1973 में नौ बाघ रिजर्व बनाए गए थे, जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व भी शामिल था
NTCA की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या चार थी, जबकि 2018 में यह संख्या शून्य बताई गई थी
हालांकि, पिछले डेढ़ साल में छह बाघों की गतिविधि दर्ज की गई है, जिससे उम्मीद बढ़ी है कि बाघों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

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बाघों की गिनती देश के जैव विविधता संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पलामू टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण की यह प्रक्रिया बाघों की सुरक्षा और उनकी बढ़ती संख्या को ट्रैक करने में मदद करेगी
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