
#गढ़वा #छात्रवृत्ति_परीक्षा | मेधावी छात्रों को मिला मंच, संघर्ष से सीखी सफलता की प्रेरणा
- इंजीनियर एंड डॉक्टर एकेडमी द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति परीक्षा का हुआ पुरस्कार वितरण
- राजहंस ने प्राप्त किया प्रथम स्थान, मयंक और सिमरन संयुक्त रूप से रहे दूसरे स्थान पर
- संस्थान के संस्थापक और सह-संस्थापक ने संघर्ष से सफलता की प्रेरक कहानियां साझा कीं
- गढ़वा का इकलौता संस्थान जो फर्स्ट डिवीजन और चयन की गारंटी देता है
- सैकड़ों छात्रों ने लिया प्रेरणा से भरा संदेश, शिक्षा के महत्व को किया आत्मसात
छात्रों के हुनर को मिली पहचान, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को किया गया सम्मानित
गढ़वा के सेंट पॉल एकेडमी में आयोजित छात्रवृत्ति परीक्षा का परिणाम घोषित होने के साथ ही विजेताओं का सम्मान समारोह शुक्रवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। इंजीनियर एंड डॉक्टर एकेडमी द्वारा आयोजित इस परीक्षा में राजहंस ने पहला स्थान, मयंक राज और सिमरन कुमारी ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान, जबकि आशु राज और अभिनव यादव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इस सम्मान समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों में खुशी और गर्व का माहौल रहा। मंच पर इन मेधावी बच्चों को ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
संस्थापक शुभम कुमार ने सुनाई संघर्ष की कहानी, छात्रों को दी अनमोल सीख
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और संस्थान के संस्थापक इंजीनियर शुभम कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा:
“कभी भी बहानों के पीछे मत भागिए। मेहनत से कभी डरिए मत, क्योंकि मेहनत ही आपको पहचान दिलाती है। आप अपना 100 प्रतिशत दीजिए ताकि भविष्य में कोई पछतावा न रहे।” — इंजीनियर शुभम कुमार
उन्होंने बताया कि संस्थान कक्षा 5वीं से 12वीं तक की शिक्षा के साथ-साथ JEE, NEET, नवोदय, नेतरहाट और सैनिक स्कूल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की गहन तैयारी कराता है। संस्थान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह चयन और प्रथम श्रेणी की गारंटी देता है, और यदि छात्र सफल नहीं हो पाते, तो पूरा शुल्क वापस करने की गारंटी भी देता है।
विकलांगता को बनाया ताकत: सह-संस्थापक की कहानी ने भरी ऊर्जा
संस्थान के सह-संस्थापक इंजीनियर सीताराम गुप्ता, जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, ने अपने जीवन की प्रेरक यात्रा साझा करते हुए कहा:
“दिक्कतें सबके जीवन में आती हैं, लेकिन अगर ठान लो तो हर मंज़िल आसान हो जाती है। मैंने जेईई मेंस में झारखंड में 22वीं रैंक प्राप्त की और आज इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत हूं।” — इंजीनियर सीताराम गुप्ता
उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प ने बच्चों को यह संदेश दिया कि शारीरिक बाधाएं सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकतीं।
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