#Ranchi – निजी स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई शुरू:
- शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।
- री-एडमिशन फीस, अनिवार्य किताब खरीद और अन्य अनियमितताओं पर 50 हजार से 2.5 लाख रुपये तक का जुर्माना।
- पूर्वी सिंहभूम में 78 निजी स्कूलों को नोटिस जारी, 3 अप्रैल तक जवाब मांगा गया।
- स्कूल परिसर में किताब और अन्य सामग्री बेचने की मनाही, फिर भी कई स्कूलों में हो रही बिक्री।
- जिला शिक्षा विभाग ने तीन साल का फीस रिकॉर्ड लिखित रूप में जमा करने का निर्देश दिया।
शिक्षा मंत्री का सख्त रुख
झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने साफ निर्देश दिया है कि यदि कोई निजी स्कूल छात्रों से री-एडमिशन फीस वसूलता है या उन्हें किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य करता है, तो उस पर 50 हजार से 2.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री की सख्ती का असर दिखने लगा है। उनके गृह जिला पूर्वी सिंहभूम में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) मनोज कुमार और जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आशीष कुमार पांडेय ने 78 निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों को 3 अप्रैल तक अपने जवाब सौंपने के लिए कहा गया है।
शिक्षा विभाग ने क्यों भेजे नोटिस?
जिला शिक्षा विभाग को शिकायतें मिली थीं कि कई निजी स्कूल फीस गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके आधार पर स्कूलों से पिछले तीन वर्षों का फीस रिकॉर्ड जमा करने को कहा गया है।
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के अनुसार, स्कूल भवन और परिसर का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद कई निजी स्कूल अपने परिसर में किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री बेचने में लगे हुए हैं।
फीस निर्धारण समिति की अनदेखी
शिक्षा विभाग ने पाया है कि कुछ निजी स्कूलों ने विद्यालय स्तरीय फीस निर्धारण समिति के तीन साल के कार्यकाल नियम का पालन नहीं किया है। अब इन स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे फीस गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
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