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प्रकृति पर्व सरहुल की धूम, नेतरहाट में सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर मनाया उत्सव

#नेतरहाट – प्रकृति और सामूहिकता का उत्सव, होटल संघ ने किया जलपान वितरण:

  • नेतरहाट में धूमधाम से मनाया गया सरहुल पर्व
  • दुर्गा मंदिर के पास स्टॉल लगाकर श्रद्धालुओं को शरबत, चना और गुड़ बांटा गया
  • होटल संघ के अध्यक्ष सर्वेश प्रसाद समेत कई सदस्यों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
  • सरहुल पर्व प्रकृति और नए साल की शुरुआत का प्रतीक
  • तीन दिनों तक चलता है यह महापर्व

नेतरहाट में सरहुल पर्व की भव्यता

झारखंड के कश्मीर कहे जाने वाले नेतरहाट में प्रकृति पर्व सरहुल पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पूरे क्षेत्र में प्रकृति की आराधना और नए साल के स्वागत में भव्य आयोजन किया गया

श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था

नेतरहाट दुर्गा मंदिर के समीप होटल संघ की ओर से विशेष स्टॉल लगाया गया, जहां से जुलूस में शामिल लोगों को शरबत, पानी, चना और गुड़ वितरित किया गया। इस सेवा कार्य में होटल संघ के अध्यक्ष सर्वेश प्रसाद, आशुतोष तिवारी, हेमंत प्रसाद, संतोष गुप्ता, बबलू सिंह, अरविंद किसान और बीरेंद्र कुमार सहित कई लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

सरहुल: प्रकृति और नववर्ष का उत्सव

नेतरहाट होटल संघ के सदस्यों ने बताया कि सरहुल झारखंड राज्य का एक प्रमुख पर्व है, जो वसंत ऋतु और नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से चैत्र पूर्णिमा तक तीन दिनों तक मनाया जाता है

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प्रकृति प्रेम, भाईचारे और सामूहिकता के इस पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। ऐसे ही खास आयोजनों और झारखंड की परंपराओं से जुड़े हर अपडेट के लिए ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें!

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