
#पलामू – झारखंड के ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की पहल:
- पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से की मुलाकात।
- श्री बंशीधर नगर मंदिर और चैनपुर स्थित बभंडी राधा कृष्ण मंदिर को श्री कृष्ण सर्किट में जोड़ने की मांग।
- पलामू किला, कमलदह झील, केचकी इको रिट्रीट और मलय डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव।
- पलामू किला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कराने की मांग।
- मंत्री जी ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए झारखंड सरकार से प्रस्ताव भेजने को कहा।
मुलाकात का उद्देश्य
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने झारखंड के महत्वपूर्ण धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की मांग रखी।
उन्होंने गढ़वा जिला स्थित श्री बंशीधर नगर मंदिर और पलामू जिले के बभंडी राधा कृष्ण मंदिर को “प्रसाद योजना” के तहत श्री कृष्ण सर्किट में शामिल करने का अनुरोध किया। साथ ही, पलामू प्रमंडल में स्थित पलामू किला, कमलदह झील, केचकी इको रिट्रीट और मलय डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और पलामू किला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की।
गढ़वा के श्री बंशीधर नगर मंदिर की महत्ता
गढ़वा जिले में स्थित श्री बंशीधर नगर मंदिर झारखंड का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- मंदिर में राधा-कृष्ण की 4.5 फीट ऊंची एवं 1280 किलो वजनी स्वर्ण निर्मित प्रतिमा विराजमान है।
- यह मूर्ति शेषनाग के फन पर स्थित विशाल कमल पुष्प पर विराजित है।
- 2017 से श्री बंशीधर महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसे राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया गया है।
- झारखंड सरकार और भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सहयोग से नगर उंटारी का नाम बदलकर श्री बंशीधर नगर रखा गया।
चैनपुर बभंडी राधा कृष्ण मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
- यह मंदिर 1930 में स्थापित किया गया था और क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था का केंद्र है।
- डॉ. रघुवंश नारायण सिंह और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।
- इस स्थल को एक प्रमुख तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित करने और बंशीधर नगर मंदिर से जोड़ने की मांग की गई।
पलामू किला और अन्य पर्यटन स्थलों के विकास की मांग
- पलामू किला चेरो वंश के शासक राजा प्रताप राय और राजा मेदिनीराय द्वारा बनवाया गया था।
- राजा मेदिनीराय के शासनकाल में पलामू किला मुगल और ब्रिटिश आक्रमणों से बचा रहा।
- झारखंड का पलामू प्रमंडल खनिज और प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर क्षेत्र है, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
- बेतला व्याघ्र परियोजना, कमलदह झील, केचकी इको रिट्रीट और मलय डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का अनुरोध किया गया।
मंत्री जी का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलामू सांसद विष्णु दयाल राम की मांगों को सकारात्मक रूप से सुना और झारखंड सरकार से प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने संभावित पर्यटन विकास योजनाओं पर अग्रतर कार्रवाई का निर्देश भी दिया।

न्यूज़ देखो: झारखंड पर्यटन को मिलेगा नया आयाम?
झारखंड के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की यह पहल राज्य के विकास को गति देगी। इस मांग के पूरा होने से क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। झारखंड की हर महत्वपूर्ण खबर के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ से – “हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।”
आपकी राय?
आप इस पहल को कैसे देखते हैं? क्या झारखंड के इन स्थलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलनी चाहिए? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।