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लोकतंत्र का महापर्व: युवा जोश और बुजुर्गों का अनुभव, सभी ने मिलकर निभाया लोकतांत्रिक कर्तव्य

बुधवार को पूरे उत्साह और जोश के साथ लोकतंत्र के महापर्व के तहत मतदान शुरू हुआ। इस दिन की खासियत रही कि पहली बार मतदाता बने युवा, अपने मत का अधिकार निभाने में काफी उत्साहित नजर आए। ये युवा अपने-अपने मतदान केंद्रों पर सुबह से ही जुटे थे और मतदान करने के बाद उनमें गर्व और खुशी साफ दिखाई दे रही थी।

इस बार का चुनाव खास इसलिए भी रहा, क्योंकि केवल युवा ही नहीं, बल्कि हर उम्र के लोग – बुजुर्ग, महिलाएं, और यहां तक कि दिव्यांग जन भी बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचे। सुबह 7 बजे से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी, जिसमें हर वर्ग और उम्र के लोग शामिल थे।

मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासन द्वारा हर बूथ पर पुलिस बल तैनात था। कई केंद्रों पर युवाओं को मार्गदर्शन देने के लिए विशेष सुविधा प्रदान की गई, ताकि वे बिना किसी परेशानी के मतदान कर सकें।

पहली बार वोट डालने वाले कई युवाओं ने इसे अपने जीवन का यादगार पल बताया। उनका कहना था कि यह केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि उनके देश और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी है। वहीं, बुजुर्गों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें हर बार मतदान करने पर गर्व होता है, और यह मौका खासकर इस बार और भी महत्वपूर्ण महसूस हुआ क्योंकि नई पीढ़ी बड़े जोश के साथ इस प्रक्रिया में शामिल हुई है।

मतदान के प्रति जागरूकता का संदेश: इस अवसर पर विभिन्न संगठनों ने मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए। युवाओं के इस उत्साह को देखकर उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में लोकतंत्र के प्रति जागरूकता और भी बढ़ेगी।

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