
#लातेहार #हाथी_हमला — मारंगलोइया गांव के पास जंगल में महुआ चुन रहीं महिलाओं पर झुंड ने किया हमला
- बालूमाथ थाना क्षेत्र के जंगल में जंगली हाथी ने महिला पर किया जानलेवा हमला
- सुनीता देवी को पेट में गंभीर चोट, रिम्स रांची किया गया रेफर
- घटना के समय महुआ चुनने गई थीं गांव की अन्य महिलाएं, जान बचाकर भागीं
- 17-18 हाथियों का झुंड आसपास के क्षेत्र में लगातार बना हुआ है सक्रिय
- वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची, घायल को आर्थिक सहायता दी गई
- जंगल में जाने के लिए वन विभाग ने जारी की सावधानी संबंधी अपील
महुआ चुनने गई महिलाओं पर जंगल में टूटा हाथियों का कहर
लातेहार जिला के बालूमाथ थाना क्षेत्र के मारंगलोइया गांव के पास जंगल में शनिवार को उस समय दहशत फैल गई, जब महुआ चुनने गई महिलाओं पर जंगली हाथियों के झुंड में से एक हाथी ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में गांव की महिला सुनीता देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
महिला के पेट में गहरी चोटें आईं हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथी ने महिला को सूंड में लपेटकर दूर फेंक दिया, जिससे वह जमीन पर बुरी तरह गिरीं। इसके बावजूद महिला ने हिम्मत दिखाते हुए खुद को पास के पेड़ की ओट में छिपाकर जान बचाई।
भागने में सफल रहीं अन्य महिलाएं, गांव वालों की तत्परता से टला बड़ा हादसा
घटना के वक्त महुआ चुनने आई अन्य महिलाएं जैसे-तैसे जान बचाकर वहां से भाग निकलीं। महिलाओं के शोरगुल की आवाज सुनकर गांव के अन्य लोग दौड़कर पहुंचे और मिलकर शोर मचाकर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा।
स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल महिला को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां से स्थिति गंभीर होने पर रांची रिम्स रेफर कर दिया गया।
डीएफओ के निर्देश पर हरकत में आया वन विभाग, दिया गया मुआवजा
घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ प्रवेश अग्रवाल के निर्देश पर वन विभाग की टीम घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची और महिला से अस्पताल में मिलकर हालचाल लिया।
रेंजर नंदकुमार महतो ने बताया:
“घटना सुबह की है जब महिला महुआ चुनने गई थी। हाथी ने हमला कर दिया, इलाज के लिए उसे रिम्स भेजा गया है। वन विभाग की ओर से आर्थिक सहायता दी गई है और इलाज की पूरी व्यवस्था की जा रही है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में लगातार हाथियों की सक्रियता को देखते हुए विभाग द्वारा निगरानी और कार्रवाई जारी है।
वन विभाग ने जारी की चेतावनी: सूर्योदय के बाद ही जाएं जंगल
वन विभाग ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वे जंगल में सूरज निकलने के बाद ही जाएं। साथ ही, महुआ चुनने जैसी गतिविधियों के लिए समूह में जाना और शाम पांच बजे से पहले वापस लौट आना सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी बताया गया है।
रेंजर नंदकुमार महतो ने कहा:
“अहले सुबह और देर शाम जंगली जानवर ज्यादा आक्रामक होते हैं। इसलिए इन समयों में जंगल जाना खतरनाक हो सकता है।”
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