
#गुमला #अवैध_बालू_उठाव — भरनो प्रखंड में नाबालिगों से मजदूरी कराना बना मौत का सबब
- भरनो के मारासिली गांव के 13 वर्षीय आदित्य मिंज की ट्रैक्टर हादसे में मौत
- अवैध बालू ले जा रहे ट्रैक्टर का डाला पलटा, किशोर ट्रेलर में दब गया
- हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार, नाबालिग मजदूरों ने पहुंचाया अस्पताल
- घटना में मृत किशोर सुबह बिना बताए घर से निकला था, मां का रो-रो कर बुरा हाल
- भरनो में पुलिस प्रशासन की निगरानी में फल-फूल रहा है अवैध बालू कारोबार
- अधिकांश ट्रैक्टर चालकों और मजदूरों की उम्र भी नहीं है कानूनन वैध
गाढ़ाटोली पुल के पास ट्रैक्टर पलटने से किशोर की मौके पर मौत
गुमला जिले के भरनो प्रखंड अंतर्गत मारासिली गांव निवासी सुरेंद्र उरांव के 13 वर्षीय पुत्र आदित्य मिंज की शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ जब आदित्य, गांव के अन्य युवकों के साथ जुरा नदी से अवैध रूप से बालू लोड कर ट्रैक्टर से बूढ़ीपाठ गांव ले जाया जा रहा था।
आदित्य ट्रैक्टर के डाला में अकेला बैठा हुआ था, तभी गाढ़ाटोली पुल के पास चालक ने नियंत्रण खो दिया और ट्रैक्टर पलट गया। डाला पलटने के कारण किशोर बालू और ट्रेलर के नीचे दब गया।
ड्राइवर मौके से भागा, किशोर को अस्पताल ले गए नाबालिग मजदूर
हादसे के बाद ट्रैक्टर का ड्राइवर इंजन लेकर मौके से फरार हो गया। घटनास्थल पर मौजूद अन्य नाबालिग मजदूरों ने किशोर को किसी तरह ट्रेलर के नीचे से निकाला और भरनो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर भरनो थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा।
मां की चीख ने किया सबको स्तब्ध, सुबह 4 बजे निकला था घर से
मृतक आदित्य की मां ने बताया कि बेटा बिना बताए सुबह 4 बजे घर से निकला था। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह बालू लोडिंग के लिए गया है। दोपहर में अचानक बेटे की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
परिवार का कहना है कि ट्रैक्टर लालटोली गांव का था, जो अक्सर अवैध बालू ढोने के लिए इस्तेमाल होता है।
भरनो में फल-फूल रहा है अवैध बालू का कारोबार, प्रशासन मौन
भरनो प्रखंड में अवैध बालू का कारोबार खुलेआम चल रहा है। अहले सुबह से ही ट्रैक्टरों की लंबी कतारें नदियों पर देखी जा सकती हैं। इन ट्रैक्टरों में अधिकांश चालकों की उम्र 18 साल से कम होती है और उनके पास न तो वैध ड्राइविंग लाइसेंस होता है, न ही पहचान पत्र।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस-प्रशासन की जानकारी में सबकुछ होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। आज की घटना ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी तंत्र पूरी तरह निष्क्रिय है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस बार जागेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी?
न्यूज़ देखो : अवैध कारोबार पर हमारी बेबाक रिपोर्टिंग
न्यूज़ देखो हमेशा से ही अवैध गतिविधियों, बाल श्रम और प्रशासनिक चूक के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। गुमला के भरनो जैसी घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि बिना निगरानी के चल रहे ऐसे खतरनाक धंधे नाबालिगों की जान ले रहे हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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